क्या आपको मालूम है? इक्विटी/इक्विटी म्यूचुअल फंड से कमाई पर भी लगता है टैक्स – ज्यादातर लोग जब किसी इक्विटी या फिर इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो उनका ध्यान केवल उस निवेश से मिलने वाले रिटर्न पर ही होता है। जबकि बहुत ही कम लोग यह जानते होंगे कि इस निवेश से जो रिटर्न मिलता है, उस पर टैक्स का भी प्रावधान होता है लेकिन कोई भी इस तरफ ध्यान नहीं देता। ज्यादातर निवेशक अपना पैसा लगाते समय बिना टैक्स के नियमों को जाने ही अपना पैसा निवेस कर देते हैं। ऐसे में उन्हें जो रिटर्न मिलना होता है, वह उन्हें नहीं ममिल पाता है।
ऐसे में आज हम आपको इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश से मिलने वाले रिटर्न पर लगने वाले टैक्स के बारे में बात करने जा रहे हैं।
इक्विटी या इक्विटी फंड (ग्रोथ ऑप्शन)
किसी भी फंड में निवेश करने से पहले आपको यह जानना होगा कि अगर आफ एक साल से कम की अवधि में इक्विटी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड बेचते हैं, तो इनकम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन मानी जाएगी। ऐसे में आपको 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। हालांकि अगर आप इसे एक साल बाद बेचते हैं, तो यह आपकी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मानी जाएगी और ऐसे में आपको सालाना एक लाख रुपए की इनकम पर 10 फीसदी का टैक्स देना होगा। लेकिन अगर इनकम 1 लाख से कम है, तो उस पर टैक्स का प्रावधान नहीं है।
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एसआईपी
सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी के जरिए निवेश के मामले में हर एसआईपी में होल्डिंग पीरियड अलग-अलग होता है। दरअसल आपने इक्विटी स्कीम के लिए एसआईपी जनवरी 2018 से दिसंबर 2018 तक चलाई है। लेकिन अगर आप दिसंबर 2018 में कोई निवेश करते हैं, तो उसकी अवधि दिसंबर 2019 में ही पूरी होगी। मतलब हर एसआईपी के लिए 12 महीने पूरा होना जरूरी है।
डिविडेंड ऑप्शन
अगर आप अपने इक्विटी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम का डिविडेंड प्लान लेते हैं, तो आपको निवेश के दौरान जो रिटर्न मिलता है, वह आपकी सालाना इनकम में जुड़ जाएगा और उस पर आपको टैक्स देना होगा। मतलब अगर किसी वित्तीय वर्ष में डिविडेंड की राशि 5 हजार रुपए से ज्यादा है, तो उस पर आपको 10 फीसदी टैक्स देना होगा।
यूलिप
इसके तहत आप 5 वर्ष के लॉकिंग पीरियड के लिए इक्विटी फंड का विकल्प चुन सकते हैं। मतलब 5 साल तक निवेश के बाद आप इसे रिडीम करा सकते हैं। ऐसे में अगर आपको इक्विटी फंड से कमाई होती है, तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। इसके अलावा 80 सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक डिडक्शन का फायदा भी मिलेगा।
ईएलएसएस
यह भी एक इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम है, क्योंकि इसमें 65 फीसदी तक का निवेश इक्विटी में होता है। इसके तहत निवेश में भी आपको ग्रोथ और डिविडेंड में से कोई एक ऑप्शन चुनने का विकल्प मिलेगा। ग्रोथ प्लान में रिटर्न स्कीम के बीच नहीं मिलता है। लेकिन अनिवार्य लॉक इन पीरियड के बाद 1 लाख रुपए से ज्यादा सालाना रिटर्न मिलता है, तो उस पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का प्रावधान है। जबकि डिविडेंड प्लान में निवेश पर मिलने वाले रिटर्न आपके सालाना इनकम में जुड़ जाता है और उस पर टैक्स अदा करना होता है।